प्रेम का सन्देश देता ब्लॉग

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रविवार, 29 अप्रैल 2012

My true love..: Mahfooz Ali


Mahfooz Ali





You are my everything

you are my lover and my friend
the one I confide to
when I am sad, happy, or I
just need someone to talk to
I love you and I can't wait
to be in your lap
you are my everything
where are you, Mom?
my one and only true love


मंगलवार, 24 अप्रैल 2012

तुम्हारी तापसी आंखों के बारे में कहूं क्या ?





तुम्हारी तापसी आंखों के बारे में कहूं क्या ?
अभी तक ताप से उसके मैं उबरा नहीं हूं....!!

समन्दर सी अतल गहराई वाली नीली आंखों ने
निमंत्रित किया है मुझको सदा ही डूब जाने को,
डूबता जा रहा हूं कोई तिनका भी नहीं मिलता ....
अगर मन चाहे जो वापस तट पे लौट आने को !
     तुम ही ने तो बुलाया है, कहो क्या दोष है मेरा
     समंदर में प्रिये मैं खुद-ब़-खुद उतरा नहीं हूं..!!

तुम्हारे रूप का संदल महकता मेरे सपनों में
हुआ रुसवा बहुत,जब भी बैठा जाके अपनों में
किसी ने “ये” कहा और कोई कहके “वो” मुस्काया
 मैं पागल हो गया  कहते सुना नुक्कड़ के मज़मों में .
     यूं अनदेखा न कर कि, जी न पाऊंगा अब आगे-
      नज़र मत फ़ेर मुझसे “गया औ’गुज़रा” नहीं हूं मैं !!

    

सोमवार, 23 अप्रैल 2012

हमेशा मेरी ही हो..! है न ?

एक सुबह से 
हां सलोनी सुबह से मिल के.. 
तरोताज़ा हूं....!!
सुबह जो तुम हो
सुबह जो 
बहुत दूर से आती है
शीतल मंद मंद 

मुस्कान लिये ...
नंगे पांव जब 
हरी हरी दूब में चलता हूं 
तुम्हारा कर्ज़दार सा 
तुम्हारे उपकार का 
आभार जता आता हूं 
पास वाले रास्ते के मंदिर में
जो सुना है कल
टूट जाएगा
अदालती फ़रमान की वज़ह से 
बताओ.. सुबह कैसे किससके ज़रिये कह सकूंगा 
तुम्हारा आभार...
खैर तुम जो 
मेरी हो तो मेरी आवाज़ भी सुन ही लोगी
जानती हो न
प्रेम की ध्वनियां 
दूर तलक 
देर तलक 
सदा ही बसी रहती 
प्रकृति में
मुझे यक़ीन है  ..
"सुबह.."
वो तुम ही तो 
जिससे मुझे 
प्यार है..!!
सुबह तुम
हमेशा मेरी ही हो
है न ??

मंगलवार, 10 अप्रैल 2012

प्रिया हो तुम तो रंगरेजन सी..तुमको पत्थर रंगना आता !!

मन में आकर तुम ने मेरे पीर भरा जोड़ा क्यों नाता .
अपनी अनुबंधित शामों से क्यों कर तोड़ा तुमने नाता
मैं न जानूं रीत प्रीत की, तुम ने लजा लजा सिखलाई..
इक अनबोली कहन कही अरु राह प्रीत की मुझे दिखाई
इक तो मन मेरा मस्ताना-मंद मंद तेरा मुस्काना ..
भले दूर हो फ़िर तुमसे.. बहुत गहन है मेरा नाता..!!
मन में आकर तुम …………………………………..!!
उर मेरे आ बसे सलोने, सपन तुम्हारे ही कारन हैं,
कैसे “प्रीत-अर्चना” कर लूं..? मन का भी तो अनुशासन है.
मेरा पल पल रंगा है तुमने, सपने तुमने लिये वसंती-
प्रिया हो तुम तो रंगरेजन सी..तुमको पत्थर रंगना आता !!
मन में आकर तुम …………………………………..!!

गुरुवार, 5 अप्रैल 2012

क़ाफ़िर हूं मैं..!!

छवि : चित्रांगदा सिंह

तेरी तस्वीर से बिखरे हुए नूर का मुतासिर..हूं मैं..!
अंगुलियां उठतीं हैं  मुझ पे-कि क़ाफ़िर हूं मैं.....!!


गुजरात का गरबा वैश्विक हो गया

  जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर गुजरात   के व्यापारियो...