प्रेम का सन्देश देता ब्लॉग

Wikipedia

खोज नतीजे

मंगलवार, 27 दिसंबर 2011

और पता है मुझे ज़िन्दगी हूँ तुम्हारी


तुम हो ……


हाँ , यहीं मेरे आस पास 

खामोश से अपने सफ़र मे गुम 

मेरे अक्स को सीने मे छुपाये 

मगर फिर भी ना जाने 

कौन सी खलिश रोकती है पुकारने से 

देखो जो तुम कह नही रहे न

वो भी सुन रही हूँ 

और जो तुम महसूस कर रहे हो न 

वो स्पर्श भी मुझ तक पहुँच रहा है 

यूँ तो कोई ज़िन्दगी से रुख नही मोडा करता 

और पता है मुझे ज़िन्दगी हूँ तुम्हारी 

यूँ ही नही कहा करते तुम मुझे ………जानाँ ..........है ना

रविवार, 18 दिसंबर 2011

एक अकेला कँवल ताल में..!!


एक अकेला
कँवल ताल में
संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,
तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ ... है
तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल
कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है ,
उसे दर्द क्या ?
कौन सोचता !!

गुजरात का गरबा वैश्विक हो गया

  जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर गुजरात   के व्यापारियो...